June 09, 2024
प्रत्येक मनुष्य को पुण्य और पाप का फल अवश्य भोगना पड़ता है: जैन मुनि
रतिया :जैन धर्म के वरिष्ठ संत कवि रत्न श्री सुनील मुनि जी महाराज, प्रवचन प्रभाकर श्री वीरेंद्र मुनि जी महाराज ने आज श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए फरमाया कि प्रत्येक मनुष्य को पुण्य और पाप का फल अवश्य भोगना पड़ता है इस भाव में किए गए कर्मों का फल अगले भाव में भोगना पड़ सकता है तो पूर्व भव में बांधे गए कर्मों का फल इस फल में भी भोगा जाता है इसलिए भले ही कहीं और किसी भी जन्म में बंधे हुए क्यों न हो पर कर्मों का फल तो अवश्य भोगना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि कर्म किसी के सगे नहीं होते न ही किसी को भी माफ नहीं करते आत्मा ने किन भावों से कर्मों को बांधा है कर्मोदय भी उसी प्रकार से आते हैं। श्री सुनील मुनि जी ने फरमाया कि धन दौलत पद प्रतिष्ठा रूप सौंदर्य सत्ता सदा कायम रहने वाला नहीं है अतः मिले संयोगों पर अहंकार नहीं करना चाहिए संयोग कभी भी वियोग में बदल सकते हैं फूल खिलता है विकसित हो जाता है और मुरझा जाता है इसी प्रकार बच्चे जन्म लेते हैं नौजवानी प्राप्त करते हैं वृद्ध होते और एक दिन इस दुनिया से विदा हो जाते हैं इन घटनाओं से शिक्षा मिलती है कि दुनिया क्षण भंगुर है तथा परिवर्तनशील है आज के प्रवचनों में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
जैन सभा के प्रधान संजू जिंदल व पूर्व प्रधान अनिल जैन, सुशील जैन ने बताया कि जैन मुनियों के सानिध्य में 9 जून से 18 जून तक जैन स्थानक में बच्चों के लिए जैन संस्कार शिविर का आयोजन किया जाएगा जिसमें 7 वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चे भाग लेंगे। इस शिविर में बच्चों को जैन धर्म के बारे में विस्तार से बताया जाएगा और जैन धर्म के संस्कार पैदा किए जाएंगे।