May 10, 2024
हमारा मसला हल नहीं हुआ तो बीजेपी को वोट नहीं देंगे: डीसी कॉलोनी वासी
रिहायशी प्लॉटों के रिकॉर्ड दुरूस्त करवाने को लेकर सरकार के रुख से खफा है कॉलोनी वासी
आरोप: 5 साल में पटवारी से सीएम तक, नहीं सुनी किसी ने गुहार
फतेहाबाद: डीसी कॉलोनी के लोगों ने ऐलान किया है कि चुनाव से पहले यदि उनकी समस्याओं का हल नहीं हुआ तो इस बार वह बीजेपी को वोट नहीं देंगे। बीजेपी सरकार से नाराजगी जताते हुए कॉलोनी के दर्जनों लोगों ने आज सांझा फैसला लेकर अपना विरोध जताया। दरअसल डीसी कॉलोनी में रिहायशी प्लाटों के रिकार्ड में गड़बड़ी को लेकर प्लाट धारकों ने पिछले 5 साल से पटवारी से सीएम तक सभी के दरवाजे खटखटाए, परंतु उनकी समस्याओं का निवारण नहीं किया जा सका। राजस्व रिकार्ड में गड़बड़ी के कारण प्रशासन द्वारा डीसी कालोनी के अधिकतर प्लाटों के इंतकाल दर्ज नहीं किए जा रहे, जिस कारण लंबे समय से वे अपने हकों से वंचित है।
डीसी कालोनी निवासियों ने बताया कि इस धांधली को लेकर पहले तो जिला स्तर पर पटवारी व तहसीलदार आदि से गुहार लगाई। इसके उपरांत उन्होंने एसडीएम, जिला उपायुक्त, सांसद, उपमुख्यमंत्री तथा मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई, परंतु किसी ने आज तक उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया।
इसके उपरांत प्लाट धारकों ने गत 24 मई 2023 को सीएम विंडो में एक शिकायत सीएमऑफ/एन/2023/062166 दर्ज करवाई। परंतु तहसीलदार ने एसडीएम के मार्फत 29 अगस्त 2023 को शिकायत को गोलमाल करके बिना शिकायतकर्ताओं की सहमति के ही केस बंद करने की सिफारिश कर दी, जिसके बाद 26 सितंबर को सीएम सेल द्वारा इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद पीडि़त लोगों ने सीएम ऑफिस को इस बारे लिखा, तो सीएम ऑफिस ने शिकायत को रिऑपन तो कर दिया, परंतु शिकायत को गलत तरीके से बंद करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की।
उन्होंने बताया कि इसके बाद भी जिला प्रशासन द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तथा मामले को कुछ महीने लटकाने के बाद एसडीएम ने फिर से बिना शिकायतकर्ताओं की सहमति के इस केस को बंद करने के लिए सीएमसेल को लिख दिया, परंतु इस बार भी सीएम सेल द्वारा इसे बंद करने की सिफारिश को मंजूर नहीं किया गया। और आज तक इस केस को जिला प्रशासन ने लटकाया हुआ है।
कॉलोनी वासियों ने यह भी बताया कि इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार का भी बोलबाला रहा है। पटवारी व तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा है कि कई साल पहले नजरसानी में भेजे गए इंतकाल आज तक तहसील कार्यालय को प्राप्त ही नहीं हुए हैं। इसके साथ ही तहसीलदार ने यह भी लिखा है कि कुछ लोगों की रजिस्टियां गलत हैं। इंतकाल न होने का मामला तो एक तरफ, इतना बड़ा मामला संज्ञान में आने के बाद भी तहसीलदार तथा एसडीएम ने न तो उन अधिकारियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज करवाया, न कोई विभागीय कार्यवाही की, जिन्होनें गलत रजिस्टियों पर सही की मोहर लगाकर आम जनता के साथ धोखा किया। साथ ही उन अधिकारियों पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जिन्होंने नजरसानी को इतने सालों तक दबा कर रखा हुआ है, व तहसील कार्यालय में नहीं भेजा है। दोनों ही मामलों में अधिकारियों की मिलीभगत सामने आती है।
डीसी कालोनी वासियों का कहना है कि सरकार ने पिछले 5 साल में न तो उनकी समस्या का समाधान किया है, और न ही सीएम विंडो का गलत इस्तेमाल करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्यचाही की। इससे साफ होता है कि जो सरकार 5 साल तक बार बार गुहार लगाने के बाद भी आम जनता को नजरअंदाज करती रही, उस सरकार से जनता का भला नहीं होगा। इसलिए डीसी कालोनी वासियों ने फतेहाबाद की जनता से भी अपील की है कि अबकी बार वे सोच समझकर अपने मत का प्रयोग करें, अन्यथा उन्हें भी हमारी तरह पछताना पड़ेगा।